Thursday, August 11, 2016

क्या सच में अश्लील हैं हम ?

Uday Bhagat
इसी साल 10 जून को एक फ़िल्म रिलीज़ हुई थी बम बम बोल रहा है काशी । बिहार में धूम धाम से फ़िल्म का प्रीमियर हुआ था । फ़िल्म की निर्मात्री बॉलीवुड की चर्चित अदाकारा प्रियंका चोपड़ा थी । प्रीमियर में शामिल होने वो चार्टर्ड प्लेन से पटना पहुची । पूरा पटना उनके होर्डिंग से पट सा गया था । अखबारो ने , टीवी चैनल ने प्रियंका चोपड़ा के आगमन को काफी तबज्जो दी । पटना के सभी प्रतिष्ठित अखबारो ने एक एक पेज का कवरेज दिया । खूब चर्चा हुई और फ़िल्म को उम्मीद से कहीं ज्यादा की ओपनिंग मिली । सब कुछ ठीक था अचानक फ़िल्म के एक गाने को अश्लील बता कर हाय तौबा मचना शुरू हो गया । अखबारबाजी शुरू हो गयी । कभी भोजपुरी में सुपर फ्लॉप फ़िल्म का निर्माण कर चुके एक फिल्मकार ने अखबारो में बयानबाजी शुरू कर दी वो भी बिना फ़िल्म देखे । उनको कुछ बुद्धिजीवियों का भी साथ मिल गया । जम कर आलोचना की गयी इन लोगो के द्वारा । अधिकतर ने बिना फ़िल्म देखे ही आलोचना शुरू कर दी । ये कोई पहला वाकया नहीं है जब भोजपुरी पर अश्लीलता का आरोप लगता हो । बिहार की राजधानी पटना या किसी भी शहर में कोई भी कलाकार जब मीडिया से रु बरु होता है तो एक सवाल अश्लीलता को लेकर अवश्य होता है । सवाल उठता है क्या सच में अश्लील हैं हम ? मेरा यह व्यक्तिगत आकलन है की भोजपुरी सिनेमा अन्य क्षेत्रीय सिनेमा से कहीं कम अश्लील है । ये अलग बात है की फिल्मो में आयटम डांस के नाम पर अक्सर द्वीअर्थी बोल और अभिनेत्रियों के अंगो का फिल्मांकन की वजह से उन्हें अश्लील करार दिया जाता है । हालांकि सेंसर बोर्ड की कड़ाई ने द्वीअर्थी बोल पर पूर्ण रूप से विराम लगा दिया है । कुछ शब्दों का अर्थ सेंसर बोर्ड के सदस्यों को पता नहीं होने के कारण भी समस्या उत्पन्न हो जाती है । इन बातों पर आखिर में चर्चा होगी पहले आइये अश्लीलता के मायने पर प्रकाश डालते हैं । अश्लीलता पर सर्वाधिक आरोप उन लोगो द्वारा लगाया जाता है जो फ़िल्म देखते नहीं । यु ट्यूब पर भोजपुरी सर्च करते ही गंदे फोटो लगे वीडियो की भरमार लग जायेगी । इन वीडियो में फिल्मो के वीडियो कम गंदे एलबम्स के वीडियो अधिक रहते हैं । भोजपुरी में अश्लीलता के ठेकेदार उन्ही वीडियो को फ़िल्म की श्रेणी में शामिल कर लेते हैं । यु ट्यूब , डेली मोशन जैसे वीडियो प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामाग्री को अधिक देखा जाता है । चूँकि सारा मामला व्यावसायिक है इसीलिए भोजपुरी फिल्मो के म्यूजिक कंपनी भी हॉट सांग , हॉट गर्ल आदि लिख कर और वीडियो की शुरुवात में अर्धनग्न फोटो लगा कर उसे प्रचारित करते हैं ।  भोजपुरी की वेबसाइट में किसी भी फोटो का टैग देख लें आपको पता चल जाएगा की अश्लीलता का मायने क्या है । रही बात सेंसर बोर्ड की तो यहाँ ए सर्टिफिकेट में भोजपुरी अन्य फ़िल्म उद्द्योग से काफी आगे है । वर्ष 2014 - 15 में सेंसर बोर्ड ने भोजपुरी की 96 फिल्मो को देखा जिनमे से 60 फिल्मो को ए सर्टिफिकेट प्रदान किया । ए प्रमाणपत्र को देखकर सबको यही लगता है की यह अश्लील फिल्में होंगी ,यही आम धारणा भी है लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है । सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने एक दिलचस्प बात बताई । भोजपुरी के निर्माता निर्देशक सेंसर सर्टिफिकेट दिलवाने वाले दलालो के भरोसे रहते हैं । किसी दृश्य या बोल पर संशय की स्थिति में उन्हें समझाने या स्पष्टीकरण के लिए वहां कोई नहीं होता । एजेंट को अपने पैसे और सर्टिफिकेट से मतलब होता है । सेंसर बोर्ड को सर्वाधिक आपत्ति भौडे फिल्मांकन और अत्यधिक हिंसा पर होती है । नतीजतन ए सर्टिफिकेट थमा दिया जाता है । भोजपुरी में जिन फिल्मो को अश्लीलता का नाम दिया जाता है उन्हें हिंदी में मसाला फिल्मो का नाम देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं । मैंने ऊपर एक फिल्मकार का जिक्र किया था जिन्होंने बम बम बोल रहा है काशी और प्रियंका चोपड़ा के सहारे अश्लीलता का नाम लेकर अपनी खूब पब्लिसिटी करवाई थी , उन्होंने हिंदी फिल्मो की अश्लीलता के खिलाफ कभी मुह नहीं खोला । क्यों ? वजह सबको पता है की कोई अपनी कमियो को कैसे उजागर कर सकता है । हर फ़िल्म जगत की तरह भोजपुरी में भी अच्छी और बुरी दोनों फिल्में बनती है लेकिन टारगेट हमेशा भोजपुरी को ही किया जाता है । टारगेट करने वाले लोग दर्शक नहीं बल्कि वो लोग हैं जिन्हें अश्लीलता से कोई सरोकार नहीं होता । जिस दिन यु ट्यूब जैसे वीडियो प्लेटफार्म पर सेंसर लग जाएगा उस दिन से भोजपुरी के प्रति धारणा बदलने लगेगी । भोजपुरी के साथ हमेशा दोहरा मापदंड अपनाया जाता है । अगर सरकाए लियो खटिया में उन्हें अश्लीलता नज़र नहीं आता तो उसी गाने का भोजपुरी वर्जन अश्लील कैसे हो गया ? अश्लीलता का पैमाना तय करने के लिए सेंसर बोर्ड है । एल्बम के गंदे गानों और वीडियो को भोजपुरी फ़िल्म का नाम देकर अश्लील साबित करना गलत है और उसे दर्शको को तय करने दें ।अगर सच में अश्लीलता कहीं है तो  यु ट्यूब के  वीडियो में है । उन्हें भोजपुरी फ़िल्म का नाम देकर भोजपुरी को अश्लील कहना बंद हो ।

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